Part-II_Gk_ Gautama Buddha|गौतम बुद्ध के बारे में ये आता है क्या ?
Part-II_Gk_ Gautama Buddha|गौतम बुद्ध के बारे में ये आता है क्या ?
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Gautama Buddha|गौतम बुद्ध |
अतीत पर ध्यान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो अपने मन को वर्तमान पर केंद्रित करो।
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नमस्कार दोस्तों मै अनिल बहुगुणा आपके सामने Part-II_Gk_ Gautama Buddha|गौतम बुद्ध के बारे में ये आता है क्या ? की विशेष परीक्षा उपयोगी जानकारी आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ उम्मीद है कि आप को पसंद आएगी यह सभी प्रशन परीक्षा में आये तो कृपया सभी प्रशनों को धयान पूर्वक पढ़ने की तथा अच्छे से उसे याद करने की कोशिस करें यह १०० % आगामी परीक्षाओं में आपकी सहायता भी करेगी जो इस प्रकार है।
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Gautam Buddha|गौतम बुद्ध
बुद्ध का वंश - शाक्य
बचपन का नाम- सिद्धार्थ
बुद्ध की मां संबंधित थी- कोलिया
पीता - शाक्य गण के मुखिया
प्रथम गुरु- अलारकलाम
द्वितीय गुरु- ऋद्रकरा मपुत्र
लालन पालन - प्रजापति गौतमी ( सौतेली मां)
बुद्ध के घोड़े का नाम- कंथक
सारथी का नाम - चन्नना (छंदक)
ज्ञान प्राप्ति के पहले किसने बुद्ध को खीर खिलाई- सुजाता
बुद्ध को पांच साधक कहां मिले - उरुवेला
नाम - कोंडिन्य, वप्पा, भादिया, महानामा, अस्सागी
गृह त्याग की आयु- 29 वर्ष
प्रथम उपदेश - सारनाथ (ऋषिपतनम)
उपदेश की भाषा - पालि
सर्वाधिक उपदेश दिए - कोसल देश की राजधानी श्रावस्ती
प्रमुख अनुयायी - बिम्बिसार, प्रसेंचित, उदयिन
बौद्ध धर्म के त्रिरत्न - बुद्ध, धम्म, संघ
बुद्ध का अंत्योष्टी संस्कार किसने किया - मल्लो ने
बुद्ध के जन्म एवं मृत्यु अभिलेखित किस आधार पर किया है - चीनी परम्परा के कैन्टोन
बौद्ध धर्म मूलतः है - अनीश्वरवादी
बौद्ध धर्म मे आत्मा की परिकल्पना नहीं है
बौद्ध धर्म में पुनर्जन्म की मान्यता है
बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म में समानता है - अनीश्वरवाद
धार्मिक जलूस प्रारंभ सर्वप्रथम किया - बौद्ध धर्म में
बुद्ध मूर्तियों का सर्वाधिक निर्माण - गांधार शैली
बुद्ध की प्रथम मूर्ति किस शैली की थी- मथुरा
भारत में उपासना की जाने वाली प्रथम मूर्ति - बुद्ध की
तिब्बत, भूटान, और पड़ोसी देशों में बौद्ध धर्म का प्रचार किया - गुरु रिनपौच
गुरु रिनपौच का सम्बन्ध - बौद्ध धर्म के ब्रज्यान शाखा से
वह स्थान जहां बुद्ध वर्षा के मौसम में प्रवास करते थे - बेलुवन व जेतवन
जेतवन को किसने बुद्ध को दान किया - अनाधपिंडक
बुद्ध ने महिलाओं को संघ प्रवेश की अनुमति किसके आग्रह पर दिया- आनंद के आग्रह पर
बौद्ध धर्म में सम्मलित होने की न्युनतम आयु - 15 वर्ष
बहुजन हिताय बहुजन सुखाय कहा - बुद्ध ने
निर्वाण क्या है - तृष्णा के क्षीण हो जाने की अवस्था
बौद्ध धर्म में प्रविष्टि होने को कहते हैं - उपसंपादा
बुद्ध के उपदेश संबंधित है - माध्यम मार्ग (मध्यमा - प्रतिपद)
बुद्ध द्वारा गृह त्याग - महाभिनिष्क्रमण
प्रथम उपदेश - धर्मचक्प्रवर्तन
मृत्यु - महापरिनिर्वाण
प्रथम संगीति- ४८३ राजगृह में, महाकश्यप अध्यक्ष शासनकाल अजातशत्रु का था।
इसमें बुद्ध की शिक्षाओं को दो पिटकों में विभाजित किया गया है।
विनय पिटक
सुत्त पिटक
विनय पिटक उपाली ने सुनाई
आन्नद ने सुत्त पिटक सुनाई
द्वितीय संगिति: वैशाली में, ३८३ ईसा पूर्व में सबाकामी की अध्यक्षता में शासनकाल कलाशोक के समय में आयोजित की गई।
तृतीय संगिति- पाटलिपुत्र में २५५ ईसा पूर्व में मोग्गलिपुत्त तिस्स की अध्यक्षता में शासनकाल सम्राट अशोक के समय में आयोजित की गई।
इस संगिति में त्रिपिटक का तीसरा भाग पाली भाषा में लिखा गया था।
चौथी संगिति- ई. के प्रारंभ, कश्मीर कुण्डलवन वसुमित्र / अश्वघोष की अध्यक्षता में राजा कनिष्क के समय में आयोजित की गई।
इसमें बौद्ध धर्म महायान और हीनयान सम्प्रदायों में विभाजित हो गया।
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Gautama Buddha |
बौद्ध संगीतियाँ-
बौद्ध धर्म में संगीतिया का अर्थ सम्मेलन है।प्रथम संगीति- ४८३ राजगृह में, महाकश्यप अध्यक्ष शासनकाल अजातशत्रु का था।
इसमें बुद्ध की शिक्षाओं को दो पिटकों में विभाजित किया गया है।
विनय पिटक
सुत्त पिटक
विनय पिटक उपाली ने सुनाई
आन्नद ने सुत्त पिटक सुनाई
द्वितीय संगिति: वैशाली में, ३८३ ईसा पूर्व में सबाकामी की अध्यक्षता में शासनकाल कलाशोक के समय में आयोजित की गई।
तृतीय संगिति- पाटलिपुत्र में २५५ ईसा पूर्व में मोग्गलिपुत्त तिस्स की अध्यक्षता में शासनकाल सम्राट अशोक के समय में आयोजित की गई।
इस संगिति में त्रिपिटक का तीसरा भाग पाली भाषा में लिखा गया था।
चौथी संगिति- ई. के प्रारंभ, कश्मीर कुण्डलवन वसुमित्र / अश्वघोष की अध्यक्षता में राजा कनिष्क के समय में आयोजित की गई।
इसमें बौद्ध धर्म महायान और हीनयान सम्प्रदायों में विभाजित हो गया।
सामान्य ज्ञान - गौतम बुद्ध
एक मुनि के लिए सत्य ही सब कुछ होता है। सत्यनिष्ठ मुनि ही शांत रहते हैं।
सत्य से बढ़कर जीवन में कुछ नहीं है।
मनुष्य को सदैव अहिंसा के पथ पर चलना चाहिए।
पशु बलि और मांसाहार से हमें दूर रहना चाहिए।
Gautama Buddha गौतम बुद्ध की प्रमुख शिक्षाएं
एक मुनि के लिए सत्य ही सब कुछ होता है। सत्यनिष्ठ मुनि ही शांत रहते हैं।
सत्य से बढ़कर जीवन में कुछ नहीं है।
मनुष्य को सदैव अहिंसा के पथ पर चलना चाहिए।
पशु बलि और मांसाहार से हमें दूर रहना चाहिए।
# शक की आदत सबसे खतरनाक है। शक लोगों को अलग कर देता है। यह दो अच्छे दोस्तों को और किसी भी अच्छे रिश्ते को बरबाद कर देता है। #
निवेदन - प्रिय मित्रों आपको हिंदी में भगवान गौतम बुद्ध के बारे में सभी परीक्षा उपयोगी जानकारी पर ये आर्टिकल कैसा लगा हमे अपना कमेंट करे और हमारी साईट के बारे में अपने दोस्तों को जरुर बताये।
धन्यवाद.....
Part-II_Gk_ Gautama Buddha|गौतम बुद्ध के बारे में ये आता है क्या ?
Reviewed by Abgkguru
on
नवंबर 22, 2018
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1 टिप्पणी:
Parsee dharm ke bare me question bhejdo
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