National Signs and Symbols of India in Hindi
राजकीय प्रतीक
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नमस्कार दोस्तों मै अनिल बहुगुणा आपके सामने "National Signs and Symbols of India in Hindi" की विशेष परीक्षा उपयोगी जानकारी आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ उम्मीद है कि आप को पसंद आएगी यह सभी प्रशन परीक्षा में आये तो कृपया सभी प्रशनों को धयान पूर्वक पढ़ने की तथा अच्छे से उसे याद करने की कोशिस करें यह १०० % आगामी परीक्षाओं में आपकी सहायता भी करेगी जो इस प्रकार है।
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भारत के राष्ट्रीय प्रतीक
राष्ट्रीय चिन्ह
राष्ट्रीय चिन्ह
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अशोक स्तंभ में भारत सरकार ने 26 जून 1950 को सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय चिन्ह के रूप में स्वीकार किया। अशोक स्तंभ में चार सिंह एक दूसरे की तरफ पीठ की हुए खड़े हैं। अशोक स्तंभ के नीचे की ओर अंकित पट्टी के नीचे एक चक्र तथा दाई और एक सांड और भाई और एक घोड़ा अंकित दिखाई दे रहा है।अशोक स्तंभ में नीचे की ओर देवनागरी लिपि में सत्यमेव जयते अंकित है। जिसे मुंडी को उपनिषद से लिया गया है। इसका अर्थ है सत्य की विजय होती है। राष्ट्रीय चिन्ह में दर्शाए गए पुरुषों में घोड़ा अध्य शक्ति परिश्रम एवं गतिशीलता का घोतक है। राष्ट्रीय चिन्ह में दर्शाई गई पशुओं में साहस सॉरी एवं नैतिकता का प्रतीक है। जबकि राष्ट्रीय चिन्ह में दर्शाए गए पशुओं में सांड भारत की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था का घोतक है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म कब हुआ था- 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था और इंग्लैंड में वकालत पास कर भारत आए फिर 1893 भारतीय और अफ्रीका अश्वेत लोगों पर हो रहे अत्याचार और रंगभेद की नीति के विरुद्ध उन्होंने आंदोलन किया।
गांधीजी के जीवन पर किस चीज का प्रभाव पड़ा- टॉलस्टॉय की बुक बाइबल गीता वाल्डो एमरसन आदि का।गांधी जी को ट्रेन से किस स्थान पर बाहर फेंका गया - डरबन पीटर मेरीसवर्ग।
नटाल इंडिया कांग्रेस की स्थापना कब की गई थी - 1894 में।
गांधी जी पहली बार जेल कब गए थे -1908
जोहांसबर्ग में गांधी जी को केसर हिंद कब दिया गया था-1914 में ।
महात्मा गांधी द्वारा चंपारण सत्याग्रह किसके काल में किया - लॉर्ड चेम्सफोर्ड 1917 में।
मोहनदास करमचंद गांधी द्वारा अंग्रेजो के खिलाफ सत्य और अहिंसा की नीति अपनाते हुए भारत को स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
1917 से 1947 तक के काल को गांधी युग के नाम से जाना जाता है।
सर्वप्रथम महात्मा गांधी को किसने राष्ट्रपिता कहा - सुभाष चंद्र बोस ने।
सर्वप्रथम मोहनदास करमचंद गांधी को महात्मा किसने कहा - रवीना टैगोर ने।
सर्वप्रथम महात्मा गांधी को बापू किसने कहा था - पंडित जवाहरलाल नेहरू ने।
सर्वप्रथम महात्मा गांधी को अर्धनग्न फकीर किसने कहा था - विस्टन चर्चील ने।
भारतीय ध्वज नेशनल फ्लैग को तिरंगा के नाम से जाना जाता है। और भारतीय संविधान सभा ने 22 जुलाई 1947 को इसे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के रूप में अपनाया। इसे 14 अगस्त 1947 को संविधान सभा की अर्ध रात्रि कालीन अधिवेशन में राष्ट्र को समर्पित किया गया। इस तिरंगे झंडे में 3 पट्टियां हैं। और इस ध्वज की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। राष्ट्रीय ध्वज को संविधान सभा हंसा मेहता। ने प्रस्तुत किया। और इस ध्वज के बीच में नीले रंग का 24 तिल्ली वाला अशोक चक्र है। जो देश को धर्म और इमानदारी से उन्नति की ओर ले जाने की प्रेरणा देता है। यह दिन के 24 घंटे का प्रतीक है। इसे सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ से लिया गया है। इस ध्वज के सबसे ऊपर गहरा केसरिया रंग जो साहस एवं बलिदान का प्रतीक है। मध्य में सफेद रंग जो सत्यम शांति का प्रतीक है। और सबसे नीचे हरा रंग जिसे विकास पूर्व रखता विश्वास एवं सॉरी का प्रतीक माना जाता है।
राष्ट्रीय ध्वज की परिकल्पना सर्वप्रथम पिग्ली वैक्यानन्द ने करी।
राष्ट्रीय ध्वज को राष्ट्रीय शोक के समय झुका दिया जाता है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, के निधन हो जाने पर संपूर्ण देश में राष्ट्रीय ध्वज को 12 दिन उतर झुका दिया जाता है। पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री एवं पूर्व उपराष्ट्रपति के निधन हो जाने पर 7 दिनों के लिए राष्ट्रीय ध्वज को झुका दिया जाता है।
राष्ट्रीय ध्वज की परिकल्पना सर्वप्रथम पिग्ली वैक्यानन्द ने करी।
राष्ट्रीय ध्वज को राष्ट्रीय शोक के समय झुका दिया जाता है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, के निधन हो जाने पर संपूर्ण देश में राष्ट्रीय ध्वज को 12 दिन उतर झुका दिया जाता है। पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री एवं पूर्व उपराष्ट्रपति के निधन हो जाने पर 7 दिनों के लिए राष्ट्रीय ध्वज को झुका दिया जाता है।
सर्वप्रथम 7 अगस्त 1986 को कोलकाता के पारसी बागान चौराहे पर हरा पीला और लाल रंगों की आधी पटिया वाले तिरंगे ध्वज को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में फहराया गया।
22 अगस्त 1960 को जर्मनी के शहर स्टुटगार्ट में इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस सम्मेलन में मैडम कामा ने इसी ध्वज को कुछ परिवर्तन के रूप में फहराया। आजादी के बाद देश के बाहर विदेशी जमीन पर पहली बार ऑस्ट्रेलिया में आधिकारिक रूप से तिरंगे झंडे को फहराया गया। 29 मई 1953 को पहली बार तिरंगा माउंट एवरेस्ट पर तीन सिंह मार्ग एवं सर एडमंड हिलेरी द्वारा फहराया गया।
22 अगस्त 1960 को जर्मनी के शहर स्टुटगार्ट में इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस सम्मेलन में मैडम कामा ने इसी ध्वज को कुछ परिवर्तन के रूप में फहराया। आजादी के बाद देश के बाहर विदेशी जमीन पर पहली बार ऑस्ट्रेलिया में आधिकारिक रूप से तिरंगे झंडे को फहराया गया। 29 मई 1953 को पहली बार तिरंगा माउंट एवरेस्ट पर तीन सिंह मार्ग एवं सर एडमंड हिलेरी द्वारा फहराया गया।
1971 में अमेरिका के अपोलो 15 नामक अंतरिक्ष विज्ञान द्वारा भारत का राष्ट्रीय झंडा सबसे पहले अंतरिक्ष में फहराया गया। 9 जनवरी 1987 को कर्नल जी के बजाज ने दक्षिणी ध्रुव पर तिरंगे को पहली बार फहराया। 21 अप्रैल 1996 को 3 जून ऊपर स्क्वाडर्न लीडर संजय ठाकुर ने तिरंगा फहराया जम्मू कश्मीर एकमात्र ऐसा राज्य जिसकी झंडे को राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराया जाने का अधिकार है। 5 अप्रैल 1984 को भारत की प्रथम अंतरिक्ष यात्री स्क्वाडर्न लीडर राकेश शर्मा तिरंगे को स्पेस सूट पर ब्याज के रूप में लगाकर अंतरिक्ष में पहुंचे पंजाब नवंबर 2008 को भारत ने चांद पर भी अपना राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस प्रकार चांद पर ध्वज फहराने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन गया।
26 जनवरी 2002 को ध्वज संहिता भारत का स्थान भारतीय ध्वज संहिता 2002 ने ले लिया। इसकी व्यवस्था के अनुसार अब आम नागरिक अपनी निजी संस्थाओं शिक्षा संस्थाओं में सम्मानित तरीके से साल की किसी भी दिन ध्वजारोहण करने का अधिकार है।
प्रसिद्ध झंडा गीत झंडा ऊंचा रहे हमारा की रचना श्यामपाल प्रसाद गुप्त ने की।
प्रसिद्ध झंडा गीत झंडा ऊंचा रहे हमारा की रचना श्यामपाल प्रसाद गुप्त ने की।
राष्ट्रीय गान नेशनल एंथम
जन गण मन की रचना रविंद्र नाथ टैगोर ने मूल रूप से बांग्ला भाषा में की थी। इसी राष्ट्रगान को भारतीय संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी 1950 को अंगीकृत किया गया। इस गाने को सर्वप्रथम 27 दिसंबर 1911 एचडी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था। यह बात सर्वप्रथम 1912 ईस्वी में तत्वबोधिनी नामक पत्रिका में भारत भाग्य विधाता नामक शीर्षक से प्रकाशित हुआ था।
राष्ट्र गान के वर्तमान धुन को बनाने का श्रेय कैप्टन राम सिंह ठाकुर को जाता है।
राष्ट्रगान में 13 पंक्तियां हैं।
राष्ट्र गान के वर्तमान धुन को बनाने का श्रेय कैप्टन राम सिंह ठाकुर को जाता है।
राष्ट्रगान में 13 पंक्तियां हैं।
जिसके गायन में 52 सेकंड का समय लगता है एवम् संक्षिप्त समय अवधि 20 सेकंड है।
रविंद्र नाथ टैगोर ने राष्ट्रीय गान का अंग्रेजी अनुवाद 1919 में मॉर्निंग सॉन्ग ऑफ इंडिया के शीर्षक से किया था। गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर ने ही बांग्लादेश के राष्ट्रीय गान आमार सोनार बांग्ला की रचना की थी।15 नवंबर 2010 को दूरसंचार विभाग ने अपनी एक विज्ञप्ति के द्वारा राष्ट्रगान को कॉलर ट्यून नहीं बनाने के निर्देश जारी किए 27 दिसंबर 2011 को राष्ट्रगान जन गण मन अधिनायक के 100 वर्ष पूरे हो गए।
रविंद्र नाथ टैगोर ने राष्ट्रीय गान का अंग्रेजी अनुवाद 1919 में मॉर्निंग सॉन्ग ऑफ इंडिया के शीर्षक से किया था। गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर ने ही बांग्लादेश के राष्ट्रीय गान आमार सोनार बांग्ला की रचना की थी।15 नवंबर 2010 को दूरसंचार विभाग ने अपनी एक विज्ञप्ति के द्वारा राष्ट्रगान को कॉलर ट्यून नहीं बनाने के निर्देश जारी किए 27 दिसंबर 2011 को राष्ट्रगान जन गण मन अधिनायक के 100 वर्ष पूरे हो गए।
राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम्
बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा 18 से 74 ईसवी में रचित वन्दे मातरम् नामक राष्ट्रीय गीत को संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी 1950 को अपनाया गया उनका यह गाना बंगाली भाषा में था।
बंकिम चंद्र चटर्जी ने इस गीत की रचना अपने उपन्यास आनंदमठ में 1882 में की थी। वन्दे मातरम् को भी जन गण मन के समान दर्जा प्राप्त है। वंदे मातरम की रचना संस्कृत भाषा में है। सर्वप्रथम वन्दे मातरम् नामक राष्ट्रीय गीत को 1896 में राष्ट्रीय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में गाया गया। इस राष्ट्रीय गीत को कुल 1 मिनट 5 सेकंड में गाया जाता है। इस राष्ट्रीय गीत की धुन पन्नालाल घोष ने तैयार की।
वन्दे मातरम् का अंग्रेजी अनुवाद सर्वप्रथम अरविंद घोष ने किया, जबकि इसका उर्दू अनुवाद आरिफ मोहम्मद खान ने किया था। सर्वप्रथम 1827 में फांसी के फंदे पर झूलते हुए वन्दे मातरम् गाने वाले अशफाक उल्ला खान थे।1950 में मास्टर कृष्णराव ने राष्ट्रीय गीत को बैंड पर बजाने की धुन बनाई थी। जिसके जिन के निर्देशन में मास्टर गणपत सिंह ने अपनी पहली बारिश से बचाया था।
राष्ट्रीय पंचांग कैलेंडर
सरकारी कामकाज के उद्देश्य से 22 मार्च 1957 को राष्ट्रीय पंचांग को अपनाया गया। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अलावा भारतीय राष्ट्रीय पंचांग शक संवत पर आधारित है। इसका पहला महीना चैत्र अंग्रेजी ग्रेगोरियन कैलेंडर के 22 मार्च की तारीख से आरंभ होता है। अंतिम महीना फाल्गुन है राष्ट्रीय पंचांग में कर्म से 12 में होते हैं चैत्र, वैशाख, जेठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष,माघ, फाल्गुन, संवत 78 ईसवी में शुरू हुआ था जिसे कुषाण वंश के शासक कनिष्क ने प्रारंभ किया
राष्ट्रीय पशु बाघ- भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ पैंथर टाइगर लीनियस है। जो पीले रंग और धारीदार लोग चरणों वाला एक पशु है।
इसकी 8 प्रजातियों में से भारत में पाई जाने वाली प्रजाति को रॉयल बंगाल टाइगर के नाम से जाना जाता है।
1972 में बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु चुना गया।
इसको अपनी शालीनता, दृढ़ता, फुर्ती, और अपार शक्ति के कारण राष्ट्रीय पशु कहलाने का गौरव हासिल हुआ है।
देश में बाघों की घटती संख्या को देखते हुए अप्रैल 1973 में भारत सरकार ने बाघ परियोजना (प्रोजेक्ट टाइगर) की शुरुआत की।
मैसूर के शासक टीपू सुल्तान को शेर ए मैसूर भी कहा जाता था। जिसके शासनकाल में बाघ उनके प्रतीक चिन्ह के रूप में अपनाया गया था।
बाघ परियोजना के अंतर्गत देश में अब तक 39 बाग राष्ट्रीय उद्यान तथा अभयारण्य स्थापित की जा चुके हैं। जिन का क्षेत्रफल 37761 वर्ग किलोमीटर है। भारत में केवल गुजरात में से हैं। इसलिए सिंह को राष्ट्रीय पशु नेशनल एनिमल का दर्जा वापस ले लिया गया। 1967 तक रहा है। भारत का राष्ट्रीय पशु सिंह था।
भारत सरकार ने 1963 में मयूर पावो क्रिस्टेटस को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया। हंस के आकार के इस रंग बिरंगे पक्षी की गर्दन लंबी आंख के नीचे सफेद निशान और सिर पर पंख के आकार की कलंगी होती है। मादा मयूर का रंग भूरा होता है। मादा मयूर की अपेक्षा नर मयूर अत्यधिक सुंदर होता है और नर मयूर अपने पंखों को फैला कर नित्य से बड़ा ही आकर्षक दृश्य पैदा करता है।
भारतीय वन्य प्रणाली सुरक्षा अधिनियम 1972 के अंतर्गत इसे पूर्व संरक्षण प्राप्त है।
भारत से पूर्व म्यामार भी मयूर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित कर चुका था।
1963 में मोर को राष्ट्रीय पक्षी की मान्यता के बाद इसे मारना कानूनन अपराध घोषित कर दिया गया। भारतीय पुराण के अनुसार मोर सुब्रमण्यम का वाहन है।
भारत का राष्ट्रीय पुष्प कमल नेलंबो न्यूशिफेरा गार्डन है। इसका प्राचीन भारतीय कला और पुराण में महत्वपूर्ण स्थान है। प्राचीन काल से ही इसे भारतीय संस्कृति का मांगलिक प्रतीक माना जाता है। इसका विवरण विष्णु पुराण तथा पदम पुराण से मिलता है।
ब्रह्मा, सरस्वती, लक्ष्मी, इन देवी देवताओं की स्थिति कमल में है।
3 राज्यों हरियाणा जम्मू कश्मीर में कर्नाटक का राज्य पुष्प कमल ही है।
कमल वियतनाम मकाउ एवं मिस्र का भी राष्ट्रीय पुष्प है।
भारत का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद फाइकस बेघालेंसिस है।
यह एक बहू वर्षीय विशाल घना एवं फैला हुआ वृक्ष होता है। यह हिंदुओं का पवित्र वृक्ष भी है इसकी शाखाएं दूर-दूर तक कई एकड़ क्षेत्र में फैली हुई होती हैं।
जनवरी से मार्च तक का समय बरगद का पुष्प काल है।
बरगद इतनी गहरी जड़ें किसी और वृक्ष की नहीं होती।
भारत का राष्ट्रीय फल आमअग्नि फेरा इंडिका है।
भारत में आम की अनेक किसमें पाई जाती हैं। आम में विटामिन ए सी और डी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। भारत में आम को फलों का राजा माना जाता है।
वेदों में आम को विलासिता का प्रतीक माना गया है।
आम को पाकिस्तान और फिलीपींस का भी राष्ट्रीय फल माना गया है।
4000 वर्ष पूर्व भारत में ही सबसे पहले आम के पेड़ की बागवानी शुरू की गई थी। भारत में सबसे पहला उत्पादित कलमी आम मालकोवा है।
वर्तमान में भारत में 500 से अधिक की संख्या में पाए जाते हैं। एलोरा गुफाओं में जैन धर्म की देवी अंबिका का आसन आम के वृक्ष के नीचे ही दर्शाया गया है।
भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है इसमें 11-11 खिलाड़ीयों की दो टीमें खेल में भाग लेती है। हॉकी में प्रयुक्त सफेद गेंद का वजन 115 ग्राम होता है तथा हॉकी स्टिक या छड़ी 91 सेंटीमीटर लंबी होती है।
हॉकी के जादूगर के नाम से मशहूर मेजर ध्यानचंद को जाना जाता है तथा उनके जन्मदिवस 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत ने ओलंपिक हॉकी में 8 बार स्वर्ण पदक जीते हैं। 1928 के एमस्टरडम ओलंपिक में भारत ने नीदरलैंड को 3-0 से हराकर पहला स्वर्ण पदक जीता था।
इसके बाद 1956 तक लगातार 6 स्वर्ण पदक जीते। एवं 1964 और 1980 में भी दो स्वर्ण पदक जीते।
हॉकी इंडिया ने 23 जुलाई 2009 को अपना नया लोगो डिजाइन किया जो राष्ट्रीय ध्वज के अशोक चक्र से प्रेरित है इसमें 24 हॉकी स्टिक एक चक्र के रूप में सजी हुई हैं।
मेजर ध्यानचंद तीन बार ओलंपिक के स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय हॉकी टीम की सदस्य थे।
भारत सरकार द्वारा 4 नवंबर 2008 में गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया। यह नदी गंगोत्री हिमनद के गोमुख नामक स्थान से निकलती है और लगभग 2525 किलोमीटर लंबी है। इस की सहायक नदियां यमुना और सोन, टोंस, गोमती, गंडक, आदि हैं।
गंगा नदी उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल आदि भारतीय प्रदेशों में होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है।
जहां वह पद्मा नाम से जानी जाती है। अंत में वह बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
10 मई 2010 को भारत सरकार ने वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया है।
केंद्र सरकार ने गंगा में डॉल्फिन की संख्या बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट डॉल्फिन शुरु किया है तथा इसको भी प्रोजेक्ट टाइगर की तरफ महत्वपूर्ण माना है।
भारत में गंगा एवं चंबल नदी मैं डॉल्फिन पाई जाती है।
मादा डॉल्फिन की लंबाई नर डॉल्फिन से अधिक होती है।
गंगा में पाई जाने वाली डॉल्फिन दृष्टिहीन मतलब की अंधी होती है कारण है इनकी आंखों में लेंस का नहीं होना।
भारतीय रुपए का अलग पहचान चिह्न निर्धारित करने के लिए 15 जुलाई 2010 को मुद्रा का यह नया प्रतीक देवनागरी के अक्षर आर और रोमन अक्षरा का मिलाजुला रूप है देवनागरी के अक्षरा को बीच में से रेखा काटती है जो तिरंगे का प्रतिनिधित्व करती है।
अपनी मुद्रा का अलग पहचान चिन्ह बनाने वाला भारत विश्व का पांचवा देश बन गया है इससे पहले अमेरिका का अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउंड, जापानी येन, यूरोपियन यूरो का अपना अलग पहचान चिन्ह है।
भारतीय राष्ट्रीय मुद्रा रुपए का डिजाइन मुंबई आईआईटी के पोस्ट ग्रेजुएट उदय कुमार ने इसे बनाया।
इंडिया गेट भारत का राष्ट्रीय स्मारक है।
यह देश के सबसे बड़े युद्ध स्मारकों में शामिल है।
इंडिया गेट देश की राजधानी दिल्ली में स्थित है।
इसे उन 90,000 सैनिकों की याद में 1931 में बना कर तैयार किया गया जो प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध में ब्रिटिश सेना की तरफ से लड़े थे।
इंडिया गेट की नींव ड्यूक ऑफ़ कनॉट ने 10 फरवरी 1921 को डाली थी।
सर एडविन लुटियंस द्वारा इंडिया गेट का डिजाइन तैयार किया गया तथा उस समय इसे ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल के नाम से जाना जाता था।
'अमर जवान ज्योति' यह ज्योति शहीदों की याद में सदा प्रज्वलित रहती है। 1971 के भारत-पाक युद्ध में मारे गए भारतीय जवानों के प्रति राष्ट्र की श्रद्धांजलि के रूप में एक स्मारक जनवरी से 72 को तैयार किया गया।
राजभाषा हिंदी
संविधान के अनुच्छेद 343 (1) के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी भारत की राजभाषा है।
पाठक भूल बस इसे राष्ट्रभाषा ना समझें।
तथा संविधान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इसके साथ शासकीय कार्यों के लिए अंग्रेजी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में पहले 14 भाषाएं शामिल थी परंतु अब 22 भाषाएं हैं जो निम्न प्रकार हैं।
राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर।
अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस 10 जनवरी।
भारत का प्रथम राजभाषा आयोग 1955 में बी जी खेर की अध्यक्षता में गठित किया गया था।
22 अक्टूबर 2010 को भारत सरकार ने एशियाई हाथी को राष्ट्रीय विरासत पशु घोषित किया।
सरकार ने हाथियों के हो रहे अंधाधुंध शिकार को रोकने के लिए हाथियों के संरक्षण के लिए 1992 में 'प्रोजेक्ट एलीफेंट' हाथी परियोजना की शुरुआत की थी।
हाथी के प्रमाण सर्वप्रथम सिंधु घाटी सभ्यता की मुहरों पर मिलते हैं।
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धन्यवाद।
National Signs and Symbols of India in Hindi
Reviewed by Abgkguru
on
अप्रैल 18, 2019
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