Jain Dharma General knowledge in Hindi


विचार जो बदल दे आपकी ज़िन्दगी 🏃🏃
दुनिया  की  सभी आत्मा एक-सी हैं  इसलिए हम दूसरों के प्रति वही व्यवहार रखें जो हमें स्वयं को पसंद हो।

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जैन धर्म के 24 तीर्थकर----

जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर  एवं संस्थापक थे - ऋषभदेव

  1. ऋषभनाथ या आदिनाथ - वृषभ या सांड
  2. अजितनाथ - हाथी (गज) 
  3. संभवनाथ - अश्व (घोड़ा) 
  4. अभिनंदननाथ- बंदर(कपि)  
  5. सुमतिनाथ- चकवा (क्रौच)
  6.  पद्मप्रभु - कमल (पद्म)
  7.  सुपार्श्वनाथ - स्वस्तिक
  8.  चन्द्रप्रभु - चन्द्रमा
  9.  सुविधिनाथ - मगर
  10.  शीतलनाथ - श्रीवत्स  
  11.  श्रेयांसनाथ - गैंडा
  12. वासु पूज्यनाथ - भैंसा (महिष) 
  13. विमलनाथ - शूकर (वाराह)
  14.  अनंतनाथ- बाज पक्षी (श्येन) 
  15.  धर्मनाथ - वज्रदंड
  16.  शांतिनाथ - मृग (हिरण) 
  17. कुंथुनाथ - बकरा (अज)
  18. अरनाथ- मछली (मीन) 
  19. मल्लिनाथ - कलश
  20.  मुनिस्रुव्रतनाथ - कच्छप (कछुआ) 
  21. नेमिनाथ - नीलकमल 
  22. अरिष्टिनेमी - शंख 
  23. पार्श्वनाथ - सर्प (सर्पेश्वर)
  24. भगवान महावीर स्वामी - सिंह (सिंह)
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                                                भगवान महावीर स्वामी----

                                                भगवान महावीर स्वामी का प्रसिद्ध  वाक्य  'जीयो और जीने दो' 😘😘

                                                       भगवान महावीर स्वामी जैन धर्म के 24 वे तीर्थकर थे उनके जन्म दिवस को महावीर जयंती तथा मोक्ष को दीपावली के रूप में बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। भगवान महावीर स्वामी ने समाज को सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अस्तेय और ब्रह्मचर्य  तथा अनेकांत वाद, स्यादवाद जैसे अमूल्य सिद्धांत दिए और समाज को उनसे अवगत कराया। इसी कड़ी में भगवान महावीर स्वामी के संबंधित कुछ महत्वपूर्ण परीक्षा उपयोगी सामान्य ज्ञान उपलब्ध है।

                                                महावीर का जन्म कहाँ हुआ था - कुण्डग्राम (वैशाली) में चैत शुक्रवार के तेरस को

                                                रंग- स्वर्ण
                                                महावीर का जन्म कब हुआ था - 599, 540*
                                                महावीर की मृत्यु (निर्वाण) - 527, 468*
                                                महावीर की मृत्यु (निर्वाण) स्थान - पावापुरी (राजगीर)
                                                माता- त्रिशला लिच्छवि राजा चेटक की बहन
                                                पिता - सिद्धार्थ, ज्ञातृक कुल के सरदार
                                                पत्नी - यशोदा

                                                पुत्री - अनोज्जा प्रियदर्शनी
                                                प्रथम अनुयायी - दामात जामिल
                                                महावीर स्वामी के शिष्यों को कितने गणधरों में विभाजित किया था - 11
                                                जैन धर्म में ईश्वर की मान्यता है? - नहीं
                                                आत्मा की मान्यता - है
                                                महावीर स्वामी पुनर्जन्म एवं कर्मवाद में विश्वास करते थे? - हां

                                                महावीर स्वामी के बचपन का नाम क्या था-वर्धमान
                                                महावीर स्वामी के अन्य नाम- वीर/ अतिवीर/ वर्धमान/ सन्मति
                                                महावीर स्वामी को किस स्थान पर ज्ञान प्राप्त हुआ-ऋजुपालिका नदी के तट पर साल वृक्ष के नीचे
                                                महावीर स्वामी ने अपने उपदेश किस भाषा में दिये-प्राकृत (अर्धमाग्धी)


                                                महावीर के मृत्यु के बाद जैन संघ का प्रथम अध्यक्ष - सुधर्मा


                                                जैन धर्म के पाँच व्रत

                                                सत्य - सत्य के बारे में भगवान महावीर स्वामी का कहना हैं, की तू सत्य को ही सच्चा तत्व समझ। जो  सत्य को समझ जाता है वो मृत्यु से भी पार पा जाता है।


                                                अहिंसा - इस संसार में जितने भी कमजोर जीव हैं उनके प्रति अपने मन में दया का भाव रखो तथा उनकी रक्षा करो।


                                                अचौर्य - बिना आज्ञा के दुसरे के वस्तु लेना जैन ग्रंथों में चोरी कहा गया है।


                                                सम्पत्ति न रखना -  सम्पत्ति अथार्थ जो आदमी खुद सजीव या निर्जीव चीजों का संग्रह करता है, या दूसरों को ऐसा संग्रह करने को प्रेरित करता है। वह सदैव दुःखी रहता है।


                                                ब्रह्मचर्य - ब्रह्मचर्य को महावीर ने  उत्तम तपस्या, नियम, ज्ञान, चारित्र, संयम और विनय की जड़ कहा है। तथा ब्रह्मचर्य को श्रेष्ठ तपस्या कहा है।



                                                Jain Dharma General knowledge in Hindi
                                                Jain Dharma General knowledge in Hindi



                                                जैन संगितियों का इतिहास-----

                                                •  पहली संगिति- ३०० ईसा पूर्व की  शुरुआत में स्थुलभद्र द्वारा  पाटलिपुत्र में आयोजित की गई। यह 12 अंग के संकलन  के परिणामस्वरूप  14 पर्व को बदलने के लिए थी ।
                                                •  दूसरी संगिति- यह श्रमाश्रवण के नेतृत्व में छठी शताब्दी में, बल्लभी (गुजरात) में आयोजित की गई थी।
                                                一一一一一一一一一一一一一一一一一一一

                                                👐जैन धर्म से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण परीक्षा उपयोगी सामान्य ज्ञान👇👇



                                                •  पार्श्‍वनाथ किसके पुत्र थे  – राजा अश्‍वसेन के
                                                • जैन धर्म का प्रारंभिक इतिहास ज्ञात होता है - कल्पसुत्र
                                                • निर्ग्रन्थ किन्हें कहा जाता था - जैनों को
                                                • अंग किसके ग्रन्थ हैं - जैनों के
                                                • प्रथम जैन संगीति कहाँ आयोजित की गई - पाटलिपुत्र में
                                                • श्रवणबेलगोला क्या है - जैन तीर्थ स्थल
                                                क्लिक👇👇

                                                  भारत का संवैधानिक विकास का इतिहास–Constitutional Development of India

                                                  • जैन आचार्यों को क्या कहा गया - तीर्थंकर
                                                  • जैन मूर्ति पूजा का प्राचीनतम प्रामाणिक  अभिलेख कहाँ मिलता है - हाथीगुम्फा लेख में
                                                  • जैन "आगम ग्रंथ" कहा संकलित हुए - वल्लभी में
                                                  • जैन धर्म में संवर का अभिप्राय है -  एक ऐसी अवस्था जब नये कर्मों का प्रवाह रुक जाता है
                                                  • चन्द्रगुप्त मौर्य किस जैन सन्त के साथ दक्षिण भारत गये थे - भद्रबाहु के साथ
                                                  • किस जैन ग्रन्थ में जैन तीर्थंकरों के जीवन - चरित्र तथा उनका नाम मिलता है- भगवती सूत्र में


                                                  • जैन आगम ग्रन्थ किस भाषा में लिखे गए - मागधि में
                                                  • विशाल गोमतेश्वर की मूर्ति का निर्माण किया गया - 10 वी शताब्दी के मध्य में चामुंड के कहने पर कर्नाटक में
                                                  • विशाल गोमतेश्वर की मूर्ति का अन्य नाम - बाहुबली की मूर्ति
                                                  • खजुराहों के जैन मंदिरों का निर्माण किया - चंदेल शासकों
                                                  • भद्रबाहु के अनुयायी - दिगम्बर


                                                  • स्तुलभद्र के अनुयायी - सवेताम्बर
                                                  • ब्रह्मचर्य जोड़ा गया - महावीर स्वामी द्वारा
                                                  • यापनिय क्या है - जैन धर्म का सम्प्रदाय
                                                  • जैन धर्म मानने वाले प्रमुख राजा - उदयिन, वंदराजा, चन्द्रगुप्त मौर्य, कलिंग नरेश खारवेल, राष्ट्रकूट राजा अमोघवर्ष, चंदेल शासक।.....







                                                  Jain Dharma General knowledge in Hindi Jain Dharma General knowledge in Hindi Reviewed by Abgkguru on नवंबर 26, 2018 Rating: 5

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