भारत का संवैधानिक इतिहास–Constitutional Development of India

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भारत का संवैधानिक इतिहास–Constitutional Development of India

नमस्कार दोस्तों मै अनिल बहुगुणा आपके सामनेभारत का संवैधानिक इतिहास–Constitutional Development of India की विशेष परीक्षा उपयोगी जानकारी आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ  उम्मीद है कि आप को पसंद आएगी और आगामी परीक्षाओं में आपकी सहायता भी करेगी जो इस प्रकार है।
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भारतीय परिषद अधिनियम 1861

भारत का संवैधानिक इतिहास–Constitutional Development of India
भारत का संवैधानिक इतिहास–Constitutional Development of India
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  • जेम्स विल्सन द्वारा भारत में बजट कब प्रस्तुत किया गया था - 1861 में ।
  • भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम कब पारित हुआ- 1861
  •  भारतीय सैनिक सेवा अधिनियम पारित हुआ -1861 में।
  • भारत में मंत्रीमंडलीय व्यवस्था के जन्मदाता कौन हैं- वायसराय लॉर्ड कैनिंग।
  • भारत में विभागीय प्रणाली की शुरुआत- लॉर्ड कैनिंग द्वारा।
  • भारत में संवैधानिक विकास का सूत्रपात कब प्रारंभ किया गया था-1861 में
  • भारत में प्रतिनिधि शासन की शुरुआत 1861 के अधिनियम द्वारा हुई।
  • भारत में शासन की विकेंद्रीकरण की नींव 1861 के अधिनियम द्वारा पड़ी।
  • भारत के गवर्नर जनरल को अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान की गई। 

👐1873 का अधिनियम👏

  •  इस अधिनियम में यह तय किया गया कि ईस्ट इंडिया कंपनी को किसी भी समय भंग किया जा सकता है।
  •  जिसके अनुसार ईस्ट इंडिया कंपनी को 1जनवरी 1884 को औपचारिक रूप से भंग कर दिया गया।
  • महारानी विक्टोरिया को भारत की साम्राज्ञी  कब घोषित किया गया- 28 अप्रैल 1876
भारत का संवैधानिक इतिहास–Constitutional Development of India
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👌 भारत का संविधान👌

भारत परिषद अधिनियम 1892
  • भारत में आंशिक रूप से सर्वप्रथम संसदीय व्यवस्था का प्रारंभ किस अधिनियम के द्वारा हुआ- भारत परिषद अधिनियम 1892
  • भारतीय सदस्यों को वार्षिक बजट पर बहस करने का अधिकार दिया गया।
  • भारत में प्रतिनिधि सरकार की नींव पड़ी।

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भारत परिषद अधिनियम 1909 ई0


भारत का संवैधानिक इतिहास–Constitutional Development of India
भारत का संवैधानिक इतिहास–Constitutional Development of India

  • पहली बार मुस्लिम समुदाय के लिए पृथक प्रतिनिधित्व का उपबंध किया गया।
  • फूट डालो राज करो की नीति का पोषक अधिनियम।
  • मार्ले मिंटो अधिनियम 1909 सर अरुंडेल समिति की रिपोर्ट पर पारित किया गया था।
  • वायसराय की कार्यपालिका परिषद में सर्वप्रथम भारतीय शामिल- सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा।
  • पृथक निर्वाचन मंडल के बारे में लार्ड मिंटो ने किसको लिखा कि "हम नाग के दांत बो रहे हैं और इसका फल भीषण होगा "- लॉर्ड मोरले को।
  • इंग्लैंड की भारत परिषद में नियुक्त होने वाले प्रथम भारतीय कौन-कौन थे- केसी गुप्ता तथा सैयद हुसैन बिलग्रामी।
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🏃 भारत सरकार अधिनियम 1919 🏃

केंद्र में द्विसदनात्मक विधायिका की स्थापना की गई- प्रथम राज्य परिषद तथा दूसरी केंद्रीय विधान सभा. राज्य परिषद के सदस्यों की संख्या 60 थी. जिसमें 34 निर्वाचित होते थे शेष नामांकित होते थे और उनका कार्यकाल 5 वर्षों का था। केंद्रीय विधान सभा के सदस्यों की संख्या 145 थी, जिनमें 104 निवार्चित तथा 41 नामांकित होते थे। उनका  कार्यकाल 3 वर्षों का था। दोनों सदनों की शक्ति समान थी पर बजट पर स्वीकृति प्रदान करने  का अधिकार सिर्फ विधान सभा को था।

प्रांतो में द्वैध शासन की स्थापना।
इस योजना के अनुसार प्रांतीय विषयों को पुनः दो भागों में विभाजित किया गया-सुरक्षित तथा हस्तांतरित।

सुरक्षित विषय- वित्त, भूमिकर, अकाल सहायता, न्याय, पुलिस, पेंशन, आपराधिक जातियां, छापाखाना, समाचार पत्र, सिंचाई, जलमार्ग, खान, कारखाना, बिजली, गैस, व्यालर, श्रमिक कल्याण, औघोगिक विवाद, मोटरगाड़ियां, छोटे बंदरगाह और सार्वजनिक सेवाएं.....।


भारत का संवैधानिक इतिहास–Constitutional Development of India
भारत का संवैधानिक इतिहास–Constitutional Development of India


हस्तांतरित विषय-


 शिक्षा, पुस्तकालय, संग्रहालय, स्थानीय स्वायत्त शासन, चिकित्सा सहायता।  सार्वजनिक निर्माण विभाग, आबकारी, उघोग, तौल तथा माप, सार्वजनिक मनोरंजन पर नियंत्रण, धार्मिक तथा अग्रहार दान आदि ।

भारत सरकार अधिनियम 1919 
  • इस अधिनियम ने भारत में एक लोक सेवा आयोग के गठन का प्रावधान किया।
  • द्वैध शासन के जन्मदाता कौन थे- लियोनिल कार्टिस ने।
  • सर्वप्रथम लियोनिल कार्टिस के किस पुस्तक में द्वैध शासन व्यवस्था का वर्णन किया गया था- डायर्की में।
  •  प्रांतों में द्वैध शासन प्रणाली किस अधिनियम द्वारा समाप्त कर दिया गया- 1935।
  •  द्वैध शासन की असफलता की जांच समिति के अध्यक्ष कौन थे- सर अलेक्जेंडर मूडीमैन।
  • ब्रिटिश भारत में महिलाओं को सर्वप्रथम मताधिकार 1919 अधिनियम दिया गया।
  • सांप्रदायिक आधार पर निर्वाचन प्रणाली को सिक्कों, ईसाइयों, तथा आग्ल भारतीयों में लागू किया गया।
  • भारत में सचिव की सहायता के लिए सर्वप्रथम हाई कमिश्नर की नियुक्ति की गई।
  •  प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली अपनाई गई।
  • भारत सचिव का खर्च ब्रिटिश राजस्व से दिए जाने का प्रावधान किया गया।
  •  बंगाल, मद्रास, मुंबई,  उत्तर प्रदेश, पंजाब बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, और असम में द्वैध शासन कब प्रारंभ किया गया- 1 अप्रैल 1921 ई०।
  • बर्मा विधानसभा में द्वैत शासन- 1923 ई०
  • उत्तर पश्चिमी सीमा प्रांत में- 1932ई०
  • किस प्रकाशन के रिपोर्ट में अंग्रेजों को भारत के शासन के लिए अक्षम बताया गया था- मेसोपोटामिया आयोग की रिपोर्ट में।




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धन्यवाद.....





भारत का संवैधानिक इतिहास–Constitutional Development of India भारत का संवैधानिक इतिहास–Constitutional Development of India Reviewed by Abgkguru on दिसंबर 14, 2018 Rating: 5

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