भारतीय संविधान के विकास का संक्षिप्त इतिहास


भारतीय संविधान के विकास का संक्षिप्त इतिहास
भारतीय संविधान के विकास का संक्षिप्त इतिहास

भारतीय संविधान का इतिहास/ History of Constitution of India


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नमस्कार दोस्तों मै अनिल बहुगुणा आपके सामने   "भारतीय संविधान के विकास का संक्षिप्त इतिहास" की विशेष परीक्षा उपयोगी जानकारी आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ  उम्मीद है कि आप को पसंद आएगी  यह सभी  प्रशन  परीक्षा में आये  तो  कृपया  सभी  प्रशनों  को धयान पूर्वक पढ़ने  की तथा अच्छे से  उसे याद करने  की कोशिस   करें  यह  १०० %  आगामी परीक्षाओं में आपकी सहायता भी करेगी जो इस प्रकार है।

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History of Indian Constitution

     भारत का संवैधानिक इतिहास  1942 से 1947 के अधिनियम के बारे में जानने से पहले हमें इसकी शुरुआत के बारे में जानना होगा जैसे भारत  संविधान का इतिहास 1600 से 1858 भारतीय संविधान का इतिहास 1861 से 1919भारत शासन अधिनियम 1935  1940 का अगस्त प्रस्ताव जो पहले विस्तार से बता दिए गए हैं।

 क्रिप्स मिशन 1942 (Krips Mission 1942)

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क्रिप्स मिशन 1942 (Krips Mission 1942)


      क्रिप्स मिशन 1942 की भारतीय द्वारा अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई एक लंबे समय से लड़ी जा रही थी साथ में 1942 के समय द्वितीय विश्व युद्ध का समय तथा उसमें जापान का एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरना जिसने अन्य देशों का ध्यान भारत की ओर खींचा तथा भारत को  स्वतंत्र कराने के लिए ब्रिटेन पर दबाव डालना शुरू कर दिया जिसके हाल के रूप में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री विस्टन चर्चिल ने युद्ध मंत्री मंत्रिमंडल के सदस्य स्टैनफोर्ड क्रिप्स भारतीय नेताओं से वार्ता हेतु 23 मार्च 1942 को दिल्ली भेजा।

इसके प्रमुख बिंदु निम्न प्रकार थे।
  • युद्धोपरांत निर्वाचित संविधान सभा का गठन।
  • अलग संविधान निर्माण की स्वतंत्रता होगी।
  • भारतीय संघ की स्थापना कर पूर्ण उपनिवेश का दर्जा देना।मुस्लिम लीग को भारतीय संघ को स्वीकार करने की स्वतंत्रता होगी।
  • नये संविधान निर्माण तक भारत की रक्षा का दायित्व ब्रिटिश सरकार को होगा।


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क्रिप्स मिशन 1942 असफल होने के कारण--
मुस्लिम लीग के देश को सांप्रदायिक मांग को ठुकराना कांग्रेस ने क्रिप्स मिशन का विरोध इसलिए किया क्योंकि इसने भारत को दो टुकड़ों में बांटने के द्वार खोल दिए थे।

प्रमुख टिप्पणियां
मोहनदास करमचंद गांधी द्वारा- "बाद की तिथि का चेक बोला गया"।
पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा- "टूटते हुए बैंक के नाम उत्तर दिनांकित चेक" बोला गया।
डॉक्टर पट्टांबी सीतारमैया द्वारा- अगस्त प्रस्ताव का परिवर्तित संस्करण मात्र बोला गया।



1942 का भारत छोड़ो अधिनियम

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1942 का भारत छोड़ो अधिनियम


    1942 का भारत छोड़ो अधिनियम इसको अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है। क्रिप्स मिशन ने के असफलता के बाद कांग्रेस सरकार का ब्रिटिश सरकार से विश्वास उठ गया था उन्होंने 14 जुलाई 1942 को वर्धा में अंग्रेजों भारत छोड़ो का प्रस्ताव पारित किया 8 अगस्त 1942 को कांग्रेस ने प्रसिद्ध ग्वालिया टैंक मैदान पर मौलाना अबुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अंग्रेजों भारत छोड़ो का प्रस्ताव प्रस्तावित किया जिसका समर्थन सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया तथा 9 अगस्त 1942 को आंदोलन प्रारंभ हुआ।
भारत छोड़ो आंदोलन पर महात्मा गांधी ने भी अहिंसा छोड़कर करो या मरो का नारा दिया।

वेवेल योजना 

    वेवेल योजना 4 जून 1945 अक्टूबर 1943 में लार्ड लिनलिथिगो के स्थान पर लार्ड वेवेल को भारत का वायसराय बनाया गया वेवेल ने भारत में संवैधानिक वातावरण में आए गतिरोध को दूर करने के लिए वेवेल योजना 4 जून 1945 को पेश कर दी।

इसके प्रमुख बिंदु निम्न थे।

  • नई कार्यकारी परिषद का गठन।
  • मुस्लिम सदस्यों की संख्या हिंदू के बराबर होगी।
  • कार्यकारी परिषद एक अंतरिम राष्ट्रीय सरकार के समान होगी।
  • गवर्नर जनरल बिना कारण वीटो पावर का प्रयोग नहीं करेगा।युद्ध समाप्ति पर भारतीय अपना संविधान बनाएंगे।
  • भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान पकड़े गए सभी नेताओं को रिहा किया जाएगा।
  • शिमला में सर्वदलीय सम्मेलन बुलाया जाएगा।

Gautam Buddha |गौतम बुद्ध

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शिमला सम्मेलन (Simla samjhota)

   अबुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में 25 जून 1945 से 14 जुलाई 1945 के मध्य शिमला में सम्मेलन हुआ इसमें गांधी जी ने भाग नहीं लिया मुस्लिम लीग की मांग अस्वीकार कर दी गई अतः यह सम्मेलन भी असफल रहा।

कैबिनेट मिशन 1946

      द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन में 1945 में हुए चुनाव में सर क्लिमेंट एटली के नेतृत्व में लेबर पार्टी की सरकार बनी जिसमें उन्होंने 14 मार्च 1946 को हाउस ऑफ कॉमंस ने घोषणा करी कि भारतीयों को स्वतंत्र होने का अधिकार है तथा तीन सदस्य दल को भारत भेजा गया जिसके अध्यक्ष लॉर्ड पैथिक लोरेंस थे 24 मार्च 1946 को मिशन दिल्ली पहुंचा।

अंतरिम सरकार का गठन 1946

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अंतरिम सरकार का गठन 1946


     24 अगस्त 1946 में घोषणा 2 सितंबर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू उपाध्यक्ष के नेतृत्व में अंतिम सरकार का गठन किया गया। तथा अध्यक्ष लॉर्ड माउंटबेटन एवं कुल सदस्य 15।
 मुस्लिम लीग सरकार में शामिल हुई 26 अक्टूबर 1946 को।मुस्लिम लीग के सहयोग एवं विरोधी दृष्टिकोण के कारण यह अधिनियम भी असफल रहा।

टिप्पणी

  • किसने कहा "यह एक देश की सरकार है जिसे दो राष्ट्र चला रहे हैं" डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने।
  • जवाहरलाल नेहरू को अंतिम सरकार हेतु आमंत्रित किए जाने के विरोध में मुस्लिम लीग ने 16 अगस्त 1946 को प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस मनाया।


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माउंटबेटन योजना


 प्रधानमंत्री एटली द्वारा यह घोषणा कब की गई कि भारतीयों को 30 जून 1948 को सत्ता हस्तांतरित करेंगे- 20 फरवरी 1947 को।
वेवेल के स्थान पर लॉर्ड माउंटबेटन वायसराय बने माउंटबेटन की अध्यक्षता में बने विभाजन परिषद का प्रतिनिधित्व पंडित जवाहरलाल नेहरू एवं सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा की गई। तथा योजना  3 जून 1947 को जारी की गई इस योजना की पुष्टि 14 जून 1947 को नई दिल्ली में कांग्रेस समिति की बैठक में की गई।
भारत विभाजन का प्रस्ताव प्रस्तुत किसने किया- गोविंद बल्लभ पंत ने।
समर्थन में कौन-कौन थे- मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, पंडित जवाहरलाल नेहरू।
भारत विभाजन के प्रस्ताव के विपक्ष में किस ने मतदान किया- खान अब्दुल गफ्फार खान।
काग्रेस तथा मुस्लिम लीग सहित सभी दलों की सहमति के बाद इसको वास्तविक रूप में जमीन पर लाने के लिए भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 पारित किया गया।

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम  1947 

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भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम  1947 


   भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 4 जून 1947 को ब्रिटिश प्रधानमंत्री द्वारा हाउस ऑफ कॉमंस में पेश किया गया तथातथा  ऑफ कॉमंस ने पारित किया 15 जुलाई 1947 को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में पारित किया 16 जुलाई 1947 को।तथा राजकीय स्वीकृति कब प्राप्त हुुई 18 जुलाई 1947 को।

इसकी प्रमुख बिंदु निम्न प्रकार है।

  •    से प्रभुत्व समाप्त कर दिया गया।
  • रेडक्लिफ की अध्यक्षता में सीमा रेखा का निर्धारण किया गया। 
  • इस प्रकार भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम के अनुसार 14 व 15 अगस्त 1947 को एक आत्मा दो शरीर में ब 15 अगस्त 1947 को दो अलग अलग राष्ट्र भारत तथा पाकिस्तान की स्थापना की गई।
  • तथा दो  अलग अलग राष्ट्रों के गवर्नर जनरल बनाए गए भारत के लॉर्ड माउंटबेटन तथा पाकिस्तान के मोहम्मद अली जिन्ना को बनाया गया।
  • भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली को बनाया गया।
  • देसी रियासतों को भारत या पाकिस्तान कहीं भी शामिल होने की छूट थी।
  • भारत मंत्री पद समाप्त कर दिया गया।
  • ब्रिटिश क्रॉउन का देशी रियासतोंट गया।


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क्लिक करें-Jain Dharma General knowledge in Hindi भारत का संवैधानिक इतिहास में 1600 से 1947 का समय अति महत्वपूर्ण तथा अपने अधिकारों के लिए लड़ने की कहानी को बयां करता है जिस में भारत को ब्रिटिश सरकार के चंगुल से छुड़ाने तथा एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में निर्मित होने का सफर छुपा है हमें सीख तथा बड़े गोरवपुर तरीके से अपने हृदय में संजोए रखना चाहिए और उसे अपने आने वाले भविष्य से भी साझा करना चाहिए.

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भारतीय संविधान के विकास का संक्षिप्त इतिहास भारतीय संविधान के विकास का संक्षिप्त इतिहास Reviewed by Abgkguru on जनवरी 10, 2019 Rating: 5

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